मास्को. रूस (Russia) की सेकेनोफ़ यूनिवर्सिटी (Sechenov University) में नये कोरोना वायरस (Novel Coronavitus) की वैक्सीन का वॉलंटियर्स पर क्लीनिकल परीक्षण (Clinical Test) पूरा कर लिया गया है. यूनिवर्सिटी में इस परीक्षण की मुख्य शोधकर्ता इलीना स्मोलयारचुक (Chief Researcher Elena Smolyarchuk) ने बताया कि परीक्षण में सामने आये रिजल्ट में टीका (Vaccine) प्रभावी सिद्ध भी हुआ है.
सेकेनोफ़ यूनिवर्सिटी (Sechenov University) में सेंटर फॉर क्लीनिकल रिसर्च ऑन मेडिकेशन (Center for Clinical Research on Medications) की प्रमुख इलीना स्मोलयारचुक ने बताया, "रिसर्च पूरा कर लिया गया है और इससे साबित हुआ है कि वैक्सीन सुरक्षित है.
सेकेनोफ़ यूनिवर्सिटी (Sechenov University) में सेंटर फॉर क्लीनिकल रिसर्च ऑन मेडिकेशन (Center for Clinical Research on Medications) की प्रमुख इलीना स्मोलयारचुक ने बताया, "रिसर्च पूरा कर लिया गया है और इससे साबित हुआ है कि वैक्सीन सुरक्षित है.
वॉलंटियर्स (Volunteers) को 15 जुलाई और 20 जुलाई को डिस्चार्ज (Discharge) कर दिया जायेगा." भारत में रूस के दूतावास ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी और इसे कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ दुनिया की पहली वैक्सीन बताया.
डिस्चार्ज किए जाने के बाद निगरानी में रहेंगे वॉलंटियर्स, रूसी दूतावास ने ट्वीट कर दी जानकारी
यूनिवर्सिटी से डिस्चार्ज किए जाने के बाद वॉलंटियर्स को निगरानी में रखा जायेगा. इस यूनिवर्सिटी में जिस वैक्सीन का परीक्षण किया गया. वह पहले 18 जून को 18 वॉलंटियर्स के एक समूह को दी गई. जबकि वॉलंटियर्स के दूसरे समूह को यह वैक्सीन 23 जून को दी गई.
भारत में भी प्रथम कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली गई है और यह ट्रायल के चरण में है. भारत के तीन मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन्स ने मिल कर इस कार्य में सफलता हासिल कर ली है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (National Institute of Virology) और भारत बायोटेक के संयुक्त प्रयास से कोवैक्सीन नाम की एक वैक्सीन को तैयार किया गया है.
यूनिवर्सिटी से डिस्चार्ज किए जाने के बाद वॉलंटियर्स को निगरानी में रखा जायेगा. इस यूनिवर्सिटी में जिस वैक्सीन का परीक्षण किया गया. वह पहले 18 जून को 18 वॉलंटियर्स के एक समूह को दी गई. जबकि वॉलंटियर्स के दूसरे समूह को यह वैक्सीन 23 जून को दी गई.
भारत में भी प्रथम कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली गई है और यह ट्रायल के चरण में है. भारत के तीन मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन्स ने मिल कर इस कार्य में सफलता हासिल कर ली है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (National Institute of Virology) और भारत बायोटेक के संयुक्त प्रयास से कोवैक्सीन नाम की एक वैक्सीन को तैयार किया गया है.
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