मेरठ. कोरोना से बचने के लिए लोग अपनी नौकरी भी दाव पर लगा रहे हैं। रोडवेज के चालक और परिचालकों ने अधिकारियों से साफ-साफ कह दिया है कि वे डयूटी पर नहीं आएंगे। इसके लिए चाहे तो उनकी संविदा समाप्त कर दी जाए। बता दें कि रोडवेज में इस समय अधिकांश चालक और परिचालक संविदा पर काम कर रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते अधिकांश रोडवेज बसों का संचालन चालकों की अनुपस्थिति के कारण नहीं हो पा रहा है। चालकों को कोरोना संक्रमित होना का भय बना हुआ है। वहीं रोडवेज अधिकारी ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने वाले चालकों की सेवा समाप्त करने की बात कर रहे हैं।
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डिपो प्रभारी बीपी सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते डिपो में संविदा पद पर कार्यरत अधिकांश चालक और परिचालक ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। इसके कारण प्रतिदिन 40 से 50 प्रतिशत बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। मेरठ डिपो में नियमित कुल 112 एवं संविदा के 200 से अधिक चालक हैं, जिसमें से अधिकांश नियमित चालक प्रतिदिन ड्यूटी पर आ रहे हैं। वहीं, संविदा के अधिकांश चालक लॉकडाउन से अब तक ड्यूटी पर नहीं आए हैं। चालक न आने के कारण बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। इससे निगम की पचास से अधिक बसें वर्कशॉप में खड़ी हैं। बसों का संचालन न होने से निगम को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
डिपो प्रभारी ने बताया कि सभी चालकों को ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है। उसके बाद भी वह आने को राजी नहीं है। फोन पर बात करने पर अधिकांश चालक बता रहे हैं कि अभी कोराना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसके कारण ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। डिपो प्रभारी ने बताया कि अगर अनुपस्थित चालक एक जुलाई तक ड्यूटी पर नहीं आए तो सभी की संविदा समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके जिम्मेदार वह स्वयं होंगे। ऐसी ही कुछ हालात परिचालकों की भी है। वे भी डयूटी से कन्नी काट रहे हैं।
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