Covid 19

Monday, May 23, 2022

Gyanvapi Masjid: क्या 1936 का ये फैसला मुसलमानों के दावे को कमजोर कर देगा ?

 वाराणसी, 23 मई: ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट पर वाराणसी के जिला जज की अदालत में सुनवाई हो रही है। लेकिन, मामला सुप्रीम कोर्ट के पास भी लंबित है, जिसपर गर्मी की छुट्टियों के बाद जुलाई में फिर से सुनवाई शुरू होनी है। सुप्रीम कोर्ट के सामने हिंदू पक्ष की ओर से कुछ ऐसी दलीलें दी गई हैं, जिससे इस मुकदमे का रुख ही मुड़ सकता है। इसमें अंग्रेजों के जमाने में ट्रायल कोर्ट में चले केस का हवाला दिया गया है, जिसे हिंदू पक्ष अपने हक में बता रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है 1936 का वह मुकदमा और क्या इससे मुसलमानों का मस्जिद पर दावा कमजोर हो सकता है

काशी में मां श्रृंगार गौरी की विधिवत पूजा को लेकर मुकदमा लड़ रहीं पांच हिंदू महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद की पूरी जमीन काशी विश्वनाथ मंदिर की है और इसके लिए वादियों की ओर से अंग्रेजों के जमाने के अदालत में हुई कार्रवाई का हवाला दिया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक ब्रिटिश ट्रायल कोर्ट ने एक मुस्लिम शख्स की ओर से 1936 में दायर मुकदमे को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने मस्जिद वाली जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित करने की मांग की थी।

औरंगजेब ने दिया था मंदिर तोड़ने का फरमान-हिंदू पक्ष


अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी की ओर से मस्जिद का सर्वे रोकने की मांग वाली याचिका पर जवाबी हलफनामे में वादियों ने कहा है कि ब्रिटिश सरकार ने सही फैसला लिया था कि जमीन मंदिर की है, क्योंकि यह कभी भी वक्फ की संपत्ति नहीं रही। इसलिए मुसलमान इसके मस्जिद होने का दावा नहीं कर सकते। मंदिर पक्ष की ओर से कहा गया है, 'इतिहासकारों ने पुष्टि की है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने 9 अप्रैल, 1669 को आदि विश्वेश्वर (काशी विश्वनाथ) मंदिर को ध्वस्त करने का 'फरमान' जारी किया था। यह साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है कि उस समय के शासक या बाद के किसी शासक ने उस भूमि पर वक्फ गठित करने या फिर उसे किसी मुसलमान या मुस्लिमों की संस्था को सौंपने का कोई हुक्म जारी किया हो। '

500 साल से पढ़ी जा रही है नमान- मुस्लिम पक्ष

वादियों ने अपने वकील विष्णु शंकर जैन की ओर से अदालत से कहा है कि मंदिर की जमीन पर खड़ा ढांचा मस्जिद नहीं हो सकती। इसके मुताबिक, 'मस्जिद सिर्फ उसी जमीन पर बन सकती है जो वक्फ से जुड़ी हो। किसी भी मुस्लिम शासक या मुसलमानों की ओर से मंदिर की जमीन पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती।' जबकि, अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी की ओर से वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने 'शिवलिंग' मिलने वाले स्थान या वजू खाना तक मुसलमानों के जाने की अनुमति मांगते हुए दावा किया था कि मुसलमान कम से कम 500 साल से वजू कर रहे हैं और मस्जिद में नमाज पढ़ रहे हैं। इसलिए, उन्होंने सील की गई जगह (शिवलिंग वाले स्थान) को उनके लिए खोलने की अपील की थी।


जबकि, इस दावे के ठीक उलट हिंदू पक्ष की ओर से सर्वोच्च अदालत में कहा गया है कि 'मंदिर की जमीन पर मुसलमानों की ओर से खड़ा किया गया कोई भी ऊपरी ढांचा, सिर्फ ढांचा ही रहेगा और वह मस्जिद नहीं मानी जा सकती। क्योंकि, वाराणसी जिले और तहसील के मौजा शहर खास के प्लॉट नंबर 9130, 9131 और 9132 की पूरी भूमि पर मालिकाना हक भगवान आदि विश्वेश्वर का ही बना हुआ है। जमीन किसी मुसलमान, मुस्लिम संस्था या वक्फ बोर्ड की नहीं है।' अपने दावे में हलफनामे के साथ हिंदू पक्ष ने उस समय सरकार सेक्रेटरी ऑफ स्टेट की ओर से दिए गए बयान के हवाले से कहा है, 'भारत में मोहम्मडन शासन आने से काफी पहले से वहां मूर्तियां और मंदिर मौजूद हैं।'

ब्रिटिश सरकार ने क्या कहा था ?



ब्रिटिश सरकार की ओर से पैरा 11 में कहा गया था, 'यह प्रस्तुत किया जाता है कि गैर-मुसलमान अपने धार्मिक उद्देश्यों के लिए भूमि का उपयोग हक के तौर पर कर रहे हैं और उन्हें इस पर अधिकार मिल गया है।' वहीं इसके पैरा 12 में कहा गया है, 'जिस भूमि का सवाल है, उसे कभी भी 'वक्फ' की जमीन नहीं मानी गई।........... ' आगे कहा है गया है, 'उस समय के मुसलमान या खुद औरंगजेब उस जगह का मालिक नहीं था, जिसपर (भगवान)विश्वनाथ का पूराना मंदिर मौजूद था और जिसे औरंगजेब के द्वारा ध्वस्त कर दिया गया......'


संपत्ति पर देवता का अधिकार बरकरार-हिंदू पक्ष

इसी आधार पर हिंदू पक्ष का दावा है कि 'देवता अपने अधिकारों को केवल इस वजह से नहीं खो देंगे कि विदेशी शासन के दौरान मंदिर को काफी क्षति पहुंची थी, क्योंकि संपत्ति पर देवता का अधिकार कभी नहीं खत्म होता है और पूजा करने वालों का देवता और उस स्थान की पूजा करने का अधिकार हिंदू कानून के तहत संरक्षित है।' उन्होंने अपने दावों के समर्थन में 1997 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले और काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर स्कंद के साथ-साथ शिव पुराणों के उल्लेखों का भी हवाला दिया है। सुप्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के बाद जुलाई में इस मामले पर आगे की सुनवाई करेगा।



9वीं की छात्रा की दर्दभरी कहानी : पापा 3 साल से कर रहे रेप, कहते हैं-तू किसी और की औलाद, मां भी बनाती है दबाव

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि 18 मई को मां पंजाब में अपने रिश्तेदार के यहां गई थी तो घर में अकेला पाकर आरोपी ने उससे संबंध बनाने को कहा। जब वह जोर-जबरदस्ती करने लगा। जिससे परेशान होकर पीड़िता ने 112 नंबर डायल कर पुलिस को बुला लिया। 


 


हिसार : हरियाणा (Haryana) के हिसार (Hisar) में एक छात्रा की दर्दभरी दास्तां सुन हर कोई चौंक गया। 9वीं की छात्रा ने पुलिस के सामने सौतेले पिता पर जो आरोप लगाए, उसे सुन पुलिस भी सन्न रह गई। 16 साल की नाबालिग छात्रा का आरोप है कि तीन साल से उसका बाप उसके साथ रेप कर रहा है। उससे बार-बार कहता है कि तू मेरी औलाद नहीं है, अगर बात नहीं मानी तो घर से निकाल दूंगा। पीड़ित छात्रा ने अपनी मां पर भी पिता का ही साथ देने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि जब भी वह मां से इसकी शिकायत करती तो मां उसी पर दबाव बनाती और कहती कि संबंध तो बनाने ही पड़ेंगे। छात्रा ने बताया कि वह पिता के खिलाफ पहले भी थाने में शिकायत कर चुकी है लेकिन मां ने दबाव बनाकर उससे केस वापस करा लिया था। अब उसने दूसरी बार शिकायत की है।


तीन साल से बेटी से कर रहा रेप

पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका अपने पिता से किसी बात को लेकर मनमुटाव था तो वह अपनी मां के साथ रहने चली आई। जहां उसके सौतेले बाप की नीयत ठीक नहीं लगती थी। पीड़िता ने बताया कि हम अनुसूचित जाति से आते हैं। तीन भाई बहनों में बड़ा भाई पिता के साथ रहता है, छोटी बहन मां के साथ। छात्रा ने बताया कि तीन साल से उसका सौतेला बाप उसके साथ जोर-जबरदस्ती करता है। उसका रेप करता है। 

मां भी दबाव बनाती है


मां बोली- पिता की बात माननी पड़ेगी

पीड़िता ने बताया कि उसकी मां भी बाप का ही साथ देती है और किसी से कुछ भी न बताने की बात कहती है। अपनी शिकायत में उसने बताया कि उसका पिता ऊंची जाति से है और इसी का वह फायदा उठाता है। उसे फिजिकल होने के लिए मजबूर करता है। कहता है कि अगर ऐसा नहीं करेगी तो घर से निकाल दूंगा, क्योंकि तू किसी और की बेटी है। उसने बताया कि मां कहती है कि तुझे संबंध तो बनाना ही पड़ेगा और मुंह भी बंद रखना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं करेगी तो अपने साथ नहीं रखेंगे। 


पुलिस से शिकायत, आरोपी पर केस

पीड़िता ने शिकायत में बताया कि दिसंबर 2021 में उसके सौतेले पिता ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था। 18 मई को मां पंजाब में अपने रिश्तेदार के यहां गई थी तो घर में अकेला पाकर आरोपी ने उससे संबंध बनाने को कहा। जब वह जोर-जबरदस्ती करने लगा तो पीड़िता ने फोन कर पुलिस को बुला लिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया और पीड़ि त छात्रा अपनी चाचा-चाची के पास आ गई। इधर, बरवाला थाना पुलिस ने छात्रा की शिकायत पर आरोपी पिता, और उसका साथ देने वाली मां के खिलाफ दुष्कर्म, पोक्सो एक्ट और अन्य कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है

Tuesday, May 10, 2022

Mazdoor Di Kismat - Raghbir Singh Sohal

ਖੋਤੇ - Raghbir Singh Sohal

      ਸਾਡੇ ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਸਾਡੇ ਨਾਲ ਇੱਕ ਪ੍ਰਜਾਪਤਾਂ ਦਾ ਮੁੰਡਾ ਪੜ੍ਹਦਾ ਸੀ। ਉਸਦਾ ਨਾਂ ਤਾਂ ਘਰਦਿਆਂ ਨੇ, ਗੁਰਦੁਆਰੇ ਵਾਲ਼ੇ ਭਾਈ ਜੀ ਨੂੰ ਪੁੱਛ ਕੇ, ਅਮਰੀਕ ਸਿੰਘ ਰੱਖਿਆ ਸੀ ਪਰ ਸਾਡੇ ਸਮਾਜ ਵਿੱਚ, ਕਿਸੇ ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਬੋਲਣਾ ਬੜੀ ਤੰਗੀ ਜਿਹੀ ਦਾ ਬਾਇਸ ਬਣਦਾ ਹੈ, ਸੋ ਉਸਦਾ ਨਾਮ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਅੱਗਿਉਂ ਪਿਛਿਉਂ ਛਾਂਗ ਕੇ, ਮੀਚੂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਸੀ।
          ਉਸਦੇ ਘਰਦੇ ਉਸਨੂੰ ਰੋਜ ਤੜ੍ਹਕਸਾਰ, ਚਾਰ ਖੋਤਿਆ ਦਾ ਮਾਲਕ ਬਣਾ ਕੇ ਬਾਹਰ, ਫਿਰਨ ਤੋਰਨ ਲਈ, ਹੱਕ ਦਿੰਦੇ। ਉਹ ਖੋਤਿਆਂ ਦੀ ਤਫ਼ਰੀਹ ਦਾ ਸ਼ੌਕ ਪੂਰਾ ਕਰਵਾ ਕੇ ਘਰ ਮੋੜ ਲਿਆਉਂਦਾ ਤੇ ਫਿਰ ਸਕੂਲ ਰਵਾਨਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ। 
      ਇੱਕ ਦਿਨ ਉਹ ਖੋਤਿਆਂ ਨੂੰ ਸੈਰ ਕਰਵਾਉਂਦਾ ਸਕੂਲ ਦੇ ਨਜ਼ਦੀਕ, ਖੋਲ਼ਿਆ ਕੋਲ ਆ ਗਿਆ। 
ਉਸਤੇ ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਟਹਿਲ ਰਹੇ, ਮਾਸਟਰ ਚਰਨ ਸਿੰਘ ਦੀ ਨਜ਼ਰ ਪੈ ਗਈ। ਸਕੂਲ ਅਜੇ ਲੱਗਾ ਨਹੀਂ ਸੀ। ਉਸਨੂੰ ਮਾਸਟਰ ਜੀ ਨੇ ਅਵਾਜ ਮਾਰੀ,
"ਉਏ,, ਮੀਚੂ ਏਥੇ ਕੀ ਕਰਦਾਂ, ਸਕੂਲ ਨਹੀਂ ਆਉਣਾ?"
    "ਆਉਣਾ ਵਾਂ ਮਾਹਟਰ ਜੀ, ਮੈਂ ਆਹ ਖੋਤੇ ਘਰ ਛੱਡ ਆਵਾਂ।" ਉਸਨੇ ਮਾਸਟਰ ਜੀ ਨੂੰ ਜਵਾਬ ਦਿੱਤਾ। 
ਮਾਸਟਰ ਜੀ ਨੇ ਹੱਸਦਿਆਂ ਆਖਿਆ,
     "ਉਏ,, ਇਹਨਾਂ ਘਰ ਕੀ ਕਰਨਾਂ, ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਸਕੂਲ ਨਾਲ ਹੀ ਲੈ ਆ, ਜਿੱਥੇ ਇਹਨਾਂ ਵਰਗੇ ਚਾਲ਼ੀ ਹੋਰ ਆਉਂਦੇ ਆ, ਚਾਰ ਹੋਰ ਸਹੀ।"

Thursday, July 16, 2020

दिवाली तक मिलेगी खुशखबरी, विमान सेवाओं को लेकर सरकार ने दी बड़ी जानकारी

नई दिल्ली। कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच विमान सेवाएं बाधिर रही थी। धीरे-धीरे उन्हें शुरू किया गया है, लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बीच राहत की खबर दी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवाएं शुरु की जाएगी। । उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 18 जुलाई से एक अगस्त के बीच दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू से पेरिस के लिए 28 उड़ानें संचालित करेगा।

वहीं घरेलु विमान सेवाओं को लेकर हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना संकट से पहले जितनी घरेलू उड़ानों का संचालन होता था, जल्द ही उसके 55 से 60 फीसदी तक उड़ाने सेवाएं शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य दिवाली तक देश में 60 फीसदी घरेलू विमान सेवाओं को शुरु करने का है।

वहीं वंदे भारत मिशन के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत अब तक 2 लाख 80 हजार लोगों को विदेशों से वापस लाया गया है। सबसे ज्यादा दुबई और यूएई भारतीय इस मिशन के तहत स्वदेश लौटे हैं, जबकि अमेरिका से अब तक 30 हजार लोग लौट चुके हैं।

उन्होंने अंतराष्ट्रीय विमान सेवाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 18 जुलाई से एयर फ्रांस एयरलाइन दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू के लिए पेरिस के लिए 28 विमानों का संचालन करेगी। 18 जुलाई से 1 अगस्त के बीच फ्रांस के बीच 28 विमानों का संचालन होगा तो वहीं 17 से 31 जुलाई के बीच अमेरिकी एयरलाइंस अमेरिका से भारत के लिए उड़ान भरेंगी। उन्होंने कहा कि फ्रांस और अमेरिका के अलावा जर्मनी से भी बातचीत चल रही है, जल्द ही भारत और जर्मनी के बीच विमान सेवाएं शुरू की जाएंगी। आपको बता दें कि कोरोना संकट के कारण 23 मार्च से विमान सेवाओं को प्रतिबंधित किया गया था। 25 मई से चुनिंदा घरेलू उड़ानें शुरू की गई है।

ईरान ने कहा, चाबहार रेल प्रोजेक्ट से भारत को बाहर करने की कहानी झूठी, ये है सच...

तेहरान. ईरान (Iran) ने एक भारतीय समाचार पत्र की इस रिपोर्ट का खंडन किया है कि चाबहार-ज़ाहेदान रेलवे परियोजना (Chabahar-Zahedan railway project) से भारत को बाहर कर दिया गया है. ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन के उप प्रभारी फरहाद मुंतसिर (Farhad Muntsir) ने अल जजीरा से बातचीत में कहा कि भारत को चाबहार-ज़ाहेदान रेलवे प्रोजेक्ट से बाहर किए जाने के दावे की भारतीय समाचारपत्र की कहानी पूरी तरह से झूठी थी क्योंकि ईरान ने चाबहार-ज़ाहेदान रेलवे के संबंध में भारत के साथ कोई समझौता नहीं किया है.

ईरान समाचार एजेंसी में छपी यह खबर

इस विषय पर ईरान समाचार एजेंसी ने फरहाद मुंतसिर को उद्धृत करते हुए लिखा कि ईरान ने सिर्फ चाबहार में निवेश के लिए भारत के साथ दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
पहला समझौता बंदरगाह की मशीनरी और उपकरणों से संबंधित है और दूसरा भारत के 150 मिलियन डॉलर के निवेश से संबंधित है.

अमेरिकी प्रतिबंधों को ईरान-भारत सहयोग से कोई लेना देना नहींफरहाद मुंतसिर ने कहा कि अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों का चाबहार में ईरान-भारत के सहयोग से कोई लेना-देना नहीं है. 2018 में अमेरिका ईरान स्वतंत्रता और काउंटर-प्रसार अधिनियम (Iran Freedom and Counter-Proliferation Act , 2012 ) के तहत चाबहार बंदरगाह परियोजनाओं में छूट देने के लिए सहमत हो गया था.
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने पोर्ट को ईरान के आर्थिक भविष्य की संरचना के लिए एक अहम हिस्सा बताया था. सूत्रों के अनुसार भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की रेलवे कंपनी इरकॉन इंटरनेशनल ने लगभग 1.6 बिलियन डॉलर की परियोजना के लिए सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने का फैसला लिया है. यह कंपनी इस परियोजना में लगभग 1.6 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी.

अगले 3.5 सालों में भारतीय रेलवे में होगा 100 फीसदी विद्युतीकरण: पीयूष गोयल

उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड' को बढ़ावा दिया है। भारत वैश्विक नवीकरणीय समुदाय में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। हम अंतरराष्ट्रीय सौर ग्रिड पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत हम किसानों को भी अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में ला रहे हैं।'
सीआईआई का कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित हुआ। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अगले 3.5 सालों में भारतीय रेलवे में 100 फीसदी विद्युतीकरण हो जाएगा। साथ ही रेलवे आगामी 9 से 10 सालों में 100 फीसदी नेट जीरो ऑपरेटर कर देगी।
पीएम मोदी ने देश को समर्पित की सौर परियोजना
मालूम हो कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के रीवा स्थित एशिया के सबसे बड़े सौर प्लांट का उद्घाटन किया था। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी शुरुआत की थी। मध्यप्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शुरू हो गई है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा आज की ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी की ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा माध्यम होने वाला है। क्योंकि सौर ऊर्जा, श्योर है, प्योर है और सिक्योर है।

तब पीएम ने कहा था कि आत्मनिर्भरता सही मायने में तभी संभव है जब हमारे भीतर आत्मविश्वास हो। आत्मविश्वास तभी आता है, जब पूरा देश, पूरा सिस्टम, हम सभी मिलकर आत्मनिर्भरता की ओर चल पड़े। कोरोना से पैदा हुई स्थिति के बीच भारत यही काम कर रहा है। सरकार यही आत्मविश्वास जुटा रही है।

तेजी से चल रहा काम - नरेंद्र मोदी
सोलर पावर की ताकत को हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बेहतर बैटरी, उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी का निर्माण ना हो। अब इसी दिशा में तेजी से काम चल रहा है।

पीएम मोदी 21-22 जुलाई को कोरोना पर अमेरिका और भारत के लाखों दर्शकों से होंगे रू-ब-रू

नई दिल्ली, पीटीआइ। यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल ने गुरुवार को कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जुलाई को इंडिया आइडियाज समिट में सीओवीआईडी को लेकर दुनिया में प्रमुख भागीदार और नेता के रूप में अमेरिका और भारत के वैश्विक दर्शकों को संबोधित करेंगे। शीर्ष वकालत समूह यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) द्वारा आयोजित दो दिवसीय आभासी शिखर सम्मेलन 21-22 जुलाई को होगा। बताया गया कि शिखर सम्मेलन भारत सरकार और अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को एक साथ लाएगा जो महामारी से निपटने का एजेंडा तय कर रहे हैं।

इस साल की लाइन-अप में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, विदेश मामलों के मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और उद्योग मंत्री और रेलवे पीयूष गोयल, उप सचिव, अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (HHS) एरिक हैरगन, वर्जीनिया के अमेरिकी सीनेटर मार्क वार्नर, कैलिफोर्निया के अमेरिकी प्रतिनिधि अमी बेरा, राजदूत केनेथ जस्टर और कई अन्य शामिल हैं।

USIBC ने कहा, 'यूएसआईबीसी अमेरिका-भारत की साझेदारी को बढ़ाने के लिए 45 वर्षों के काम का जश्न मना रहा है। भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी अमेरिका और भारत पर वैश्विक दर्शकों को COVID के मुद्दे पर दुनिया के प्रमुख सहयोगियों और नेताओं के रूप में संबोधित करेंगे। उनका संबोधन 22 जुलाई को 11:00 AM EST/8:30 PM के लिए निर्धारित है।

जिम टाइसलेट, सीईओ, लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन और एन चंद्रशेखरन, टाटा संस के अध्यक्ष ने कहा, शिखर सम्मेलन में शीर्ष अमेरिकी और भारतीय कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। यूएसआईबीसी ग्लोबल बोर्ड के चेयरमैन और नुवीन के कार्यकारी अध्यक्ष विजय आडवाणी ने कहा, 'यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल की 45 वीं वर्षगांठ के दौरान प्रधानमंत्री के शामिल होने पर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं।'

उन्होंने आगे कहा कि इस साल का फोकस एक बेहतर भविष्य को बनाना है। जैसा कि प्रधान मंत्री मोदी सीओवीआईडी -19 के स्वास्थ्य प्रभाव और संबंधित वैश्विक आर्थिक परेशानी की दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने आर्थिक नवीनीकरण और समावेशी अवसर के युग की शुरुआत करने में यूएस-इंडिया पार्टनरशिप के महत्व को स्पष्ट किया है।

यूएसआईबीसी की अध्यक्ष निशा बिस्वाल ने कहा, 'प्रधान मंत्री मोदी ने क्रमिक अमेरिकी प्रशासन के साथ जुड़ाव के माध्यम से अमेरिका-भारत संबंध को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। वह वैश्विक मंच पर एक निश्चित तौर पर पक्के नेता रहे हैं और उन्होंने भविष्य के लिए एक ऐसा दृष्टिकोण बनाया है जो न केवल भारत के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि व्यापार, समावेशी आर्थिक विकास, डिजिटल वाणिज्य और जलवायु नीति जैसे मुद्दों पर वैश्विक दृष्टिकोण को प्रभावित करेगा।'

Wednesday, July 15, 2020

कोरोना वैक्सीन पर आज मिल सकती है अच्छी खबर, ट्रायल के नतीजों को लेकर हो सकती है सकारात्मक घोषणा


लंदन, रायटर। कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के बीच गुरुवार को अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना की संभावित वैक्सीन के प्रारंभिक ट्रायल के नतीजों को लेकर सकारात्मक घोषणा हो सकती है। सूत्रों के हवाले से आइटीवी के राजनीतिक संपादक रॉबर्ट पेस्टोन ने यह जानकारी दी है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विज्ञानियों द्वारा विकसित इस वैक्सीन के तीसरे चरण में व्यापक पैमान पर मानव ट्रायल किया जा रहा है। यह आकलन किया जा रहा है कि क्या यह वैक्सीन कोरोना से रक्षा कर सकती है या नहीं। हालांकि, अभी इसके पहले चरण के ट्रायल के नतीजे भी नहीं मिले हैं। पहले चरण में वैक्सीन की सुरक्षा और उसके प्रतिरोधक क्षमता का आकलन किया गया है।

इसके नतीजे इस महीने के आखिर तक प्रकाशित किए जाने की उम्मीद है।

वैक्सीन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने भी सबको चौंकाया

वहीं, दूसरी ओर कोरोना वैक्सीन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट कर दुनियाभर के लोगों को चौका दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा 'वैक्सीन को लेकर एक अच्छी खबर है।' ट्रंप के इस ट्वीट के बाद दुनियाभर के लोग अमेरिका में कोरोना की सफल वैक्सीन बनाए जाने को लेकर आशंकित हैं। ट्रंप के इस ट्वीट पर यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि मॉडर्ना इंक (Moderna Inc) की कामयाबी पर उनका यह रिएक्शन आया है।

गौरतलब है कि विश्वभर में कोरोना महामारी के बीच सारे देश कोरोना की वैक्सीन पर रिसर्च कर रहे हैं। हांलाकि अभी आधिकारिक तौर पर किसी ने भी कोरोना वैक्सीन की घोषणा नहीं की है। विश्व के अधिकतर देशों में अभी कोरोना वैक्सीन पर पर परीक्षण किए जा रहे हैं। वहीं, अब ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सटी कोरोना के अपने प्रांरभिक ट्रायल को लेकर सकारात्कमक घोषणा करने वाली है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पिछले कई महीनों से वैक्सीन पर काम कर रही है।

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 10 साल से कम सेवा पर भी सैनिकों को दिव्यांगता पेंशन

नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा मंत्रालय ने 10 साल से कम सेवा देने वाले सैनिकों के लिए बुधवार को दिव्यांगता पेंशन की अनुमति दे दी है। अभी तक यह पेंशन सशस्त्र बलों के सिर्फ उन जवानों को दी जाती थी, जिन्होंने 10 साल से अधिक की सेवा दी है और उन कारणों से दिव्यांग हुए हैं जो सैन्य सेवा से संबद्ध नहीं हैं।

दरअसल, अभी तक दिव्यांग होने के समय यदि किसी सैनिक की सेवा 10 साल से कम की होती थी, तो उसे सिर्फ दिव्यांगता ग्रेच्युटी का ही भुगतान किया जाता था। मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सशस्त्र बलों का कोई भी कर्मी, जिसकी सेवा 10 साल से कम है और काम करने में असमर्थ होने के कारण उसे स्थायी रूप से हटा दिया गया है, वह भी इस फैसले से लाभान्वित होगा।

इस आशय के प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंजूरी प्रदान दे दी है। नया नियम चार जनवरी 2019 से प्रभावी होगा।

मोदी सरकार सैनिकों और उनके परिवार के सदस्‍यों के लिए कई कदम उठा रही है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को हेल्थ केयर देने के लिए बनी स्कीम एक्स सर्विसमैन काट्रिब्यूट्री हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) के तहत पूर्व सैनिकों के 25 साल और उससे अधिक आयु के अविवाहित और दिव्यांग बेटों को लाभार्थी बनाने का फैसला लिया। इस योजना के तहत परिवार के एक कोरोना पीडि़त मरीज को ऑक्सीजन देने का खर्च उठाने का भी एलान किया गया है।

सोनिया गांधी का एक साल का कार्यकाल को 10 अगस्त को खत्म हो रहा है


कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का एक साल का कार्यकाल को 10 अगस्त को खत्म हो रहा है. इसे बढ़ाने के लिए जल्द ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक करनी होगी. पार्टी को अपना निर्णय चुनाव आयोग को 10 अगस्त तक सूचित करना होगा.

हाल ही में कांग्रेस ने चुनाव आयोग को बताया था कि महामारी को रोकने के लिए 25 मार्च से लागू कोरोनो वायरस लॉकडाउन के कारण नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है. मालूम हो कि पिछले साल ही सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुना गया था.

वहीं इस मामले में चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि अगर 10 अगस्त तक कांग्रेस पार्टी द्वारा अध्यक्ष नहीं चुने जाने पर आयोग इस मामले में दखल दे सकता है.

मालूम हो कि पिछले साल राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की बात कही थी, जिसके बाद पार्टी के कई नेताओं ने उन्हें मनाने और अध्यक्ष पद पर बने रहने की बात कही, लेकिन जब राहुल गांधी नहीं माने तो पार्टी ने सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष चुना.

हालांकि हाल ही में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी को एक बार फिर से अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

भाजपा के सीनियर नेता गुल्लू मल्होत्रा व अश्विनी विज ने पार्टी की मेंबरशिप से इस्तीफा दे दिया

संवाद सूत्र, धारीवाल : भाजपा को उस समय करारा झटका लगा, जब भाजपा के सीनियर नेता गुल्लू मल्होत्रा व अश्विनी विज ने पार्टी की मेंबरशिप से इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि गुल्लू मल्होत्रा भाजपा में कई अहम पदों पर रहे है और वह एक सक्रिय नेता होने के चलते वह पार्टी के लिए कई बार जेल भी जा चुके है। जबकि अश्विनी विज्जी भाजपा के सीनियर नेता व नगर कौंसिल धारीवाल के कई बार प्रधान भी रह चुके स्व. लाला बनारसी दास विज्ज के सुपुत्र है। भाजपा मंडल के वर्तमान प्रधान नवनीत विज्ज के बड़े भाई है। दोनों भाजपा सीनियर नेताओं द्वारा पार्टी की मैंबरशिप से इस्तीफा देना शहर में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। जब उनसे बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि कुछ निजी कारणों के चलते उन्होंने पार्टी की मैंबरशिप से इस्तीफा दे दिया है।

वह दो वर्ष में ही चिट्टे पर 30 लाख रुपये से अधिक बर्बाद कर चुका है


सरकार पंजाब में नशे की सप्लाई चेन तोड़ने के दावे कर रही है, जबकि चिट्टे का नशा किस कदर नौजवानों को बर्बाद कर रहा है इसका उदाहरण लुधियाना के एक नौजवान से मिलता है। वह दो वर्ष में ही चिट्टे पर 30 लाख रुपये से अधिक बर्बाद कर चुका है। नौजवान ने चिट्टे की लत में फंसकर न केवल अपनी नौकरी गवाई, बल्कि पत्नी भी साथ छोड़कर अपने मायके चली गई। चार वर्ष की बेटी से भी वह आज दूर हो चुका है। इतना ही नहीं कनाडा जाने के लिए जमा किए लाखों रुपये भी युवक ने उड़ा दिए। अब युवक को बचाने के लिए परिजनों ने उसे संगरूर के नशामुक्त केंद्र में भर्ती करवाया है।

नशामुक्ति केंद्र में इलाज करवा रहे लुधियाना के तीस वर्षीय युवक ने बताया कि उसने 2012 में बीटेक (मैकेनिकल) किया था, जिसके बाद वह निजी कंपनी में नौकरी करने लगा।

2013 में एक अस्पताल में काउंसलर के तौर पर काम करती लड़की से उसे प्यार हो गया। परिवार ने उन दोनों का विवाह करवा दिया। उसके घर बेटी हुई। पांच वर्ष तक सब कुछ ठीक रहा। उसके बाद वह बुरी संगत मे फंस गया, जहां साथियों के साथ वह स्मैक का नशा करने लगा। वह अपनी पत्नी व बच्ची के साथ कनाडा कनाडा जाना चाहता था। इसके लिए फाइल भी लगा दी थी। पत्नी के खाते में मौजूद पैसे व अपने कनाडा जाने के लिए जमा किए लाखों रुपये उसने चिट्टे के नशे में उड़ा दिए। खुद को पुलिस मुलाजिम बोल 10 दिन तक मुफ्त में लेता रहा नशा

युवक ने बताया कि लुधियाना की एक कॉलोनी में सरेआम नशा बिकता है। उस कॉलोनी से वह दस दिन तक खुद को पुलिस मुलाजिम कहकर मुफ्त में स्मैक लेता रहा। इसके बाद वह रोजाना पांच हजार रुपये का नशा (चिट्टा) खरीदने लगा। नशे में वह इस कदर डूब गया कि परिवार की खुशियां खत्म हो गई और रिश्ते टूट गए। कुछ ही दिनों में नशामुक्त हो जाएगा युवक : मोहन शर्मा

नशामुक्ति केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मोहन शर्मा ने बताया कि अभी युवक का इलाज चल रहा है। कुछ दिन और इलाज चलेगा तो वह नशामुक्त हो जाएगा। वह मजबूत इरादे से नशे से निजात पाने के लिए प्रयास कर रहा है। युवक की पत्नी व उसके परिवार से तालमेल कर रहे हैं, ताकि बिखरे हुए परिवार को एक किया जा सके।