नई दिल्ली. कोरोना के इलाज के लिए DCGI यानी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने Biocon की दवा टोलीजुमैब Itolizumab Injection (आइटोलीजुमैब) को इजाजत दे दी है. DCGI के मुताबिक कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए इस इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा सकता है. कोरोना मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल के बाद संतोषजनक नतीजे देखे गए हैं. ये इंजेक्शन पिछले कई साल से सिरॉसिस के मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. ये दवा क्यूबा में कोरोना डेथ रेट कम करने के लिए काफी चर्चित रही है. इसे लेकर टोलीजुमैब बनाने वाली कंपनी Biocon की एक्जिक्यूटिव चेयरपर्सन किरण मजमूदार शॉ ने न्यूज़18 के साथ खास बातचीत की है.
कोविड-19 असाधारण परिस्थिति है'
किरण शॉ ने कहा है कि कोरोना जैसी असाधारण स्थितियों में जिंदगियां बचाने के लिए सही इलाज की जरूरत है. हम अगले कुछ दिनों में दस लाख का आंकड़ा छूने वाले हैं. इस वक्त हमारे सामने बड़ा सवाल ये है कि अगर इन्फेक्शन रेट ऊपर भी चला जाए तो क्या हम डेथ रेट कम कर सकते हैं? ऐसे समय में टोलीजुमैब दवा काफी कारगर साबित हो सकती है. हालांकि अभी इसका बड़े स्तर पर ट्रायल नहीं किया जा सका है. DCGI ने इस दवा के इस्तेमाल की छूट मॉडरेट से लेकर गंभीर मरीजों तक के लिए दी है.
दवा की कीमत पर क्या बोलीं किरण शॉटोलीजुमैब की कीमत को लेकर किरण शॉ ने कहा है कि हमें इस दवा की उपयोगिता भी देखनी होगी. इस वक्त हम जिंदगियां बचाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप किसी मरीज को आईसीयू में रखेंगे तो उसका खर्च भी कहीं ज्यादा आ सकता है. सरकार मान रही है कि ये दवा लोगों के लिए काफी अफोर्डेबल है.
'क्यूबा में डेथ रेट कम हुई'
शॉ ने कहा है कि क्यूबा में भी इस दवा के इस्तेमाल से डेथ रेट काफी कम हुई है. हमने ट्रायल के दौरान इस दवा का इस्तेमाल मॉडरेट से लेकर गंभीर मरीजों तक पर किया है. नतीजे बेहतर निकले हैं. अगर क्यूबा इस दवा का इस्तेमाल कर अपने यहां डेथ रेट कम रखने में कामयाब हो सकता है तो हम क्यों नहीं.
'हेल्थ सेक्टर में और निवेश करना होगा'
किरण शॉ ने कहा है कि हमें हेल्थ केयर सेक्टर में और ज्यादा इन्वेस्टमेंट करना होगा. अन्य क्षेत्रों की तरह इस क्षेत्र को भी इन्सेंटिव की जरूरत है. एक समय में जिस तरह आईटी सेक्टर पर ध्यान देकर बड़ा बनाया गया है कुछ वैसा ही हेल्थ सेक्टर भी किया जा सकता है.
किरण शॉ ने कहा है कि कोरोना जैसी असाधारण स्थितियों में जिंदगियां बचाने के लिए सही इलाज की जरूरत है. हम अगले कुछ दिनों में दस लाख का आंकड़ा छूने वाले हैं. इस वक्त हमारे सामने बड़ा सवाल ये है कि अगर इन्फेक्शन रेट ऊपर भी चला जाए तो क्या हम डेथ रेट कम कर सकते हैं? ऐसे समय में टोलीजुमैब दवा काफी कारगर साबित हो सकती है. हालांकि अभी इसका बड़े स्तर पर ट्रायल नहीं किया जा सका है. DCGI ने इस दवा के इस्तेमाल की छूट मॉडरेट से लेकर गंभीर मरीजों तक के लिए दी है.
दवा की कीमत पर क्या बोलीं किरण शॉटोलीजुमैब की कीमत को लेकर किरण शॉ ने कहा है कि हमें इस दवा की उपयोगिता भी देखनी होगी. इस वक्त हम जिंदगियां बचाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप किसी मरीज को आईसीयू में रखेंगे तो उसका खर्च भी कहीं ज्यादा आ सकता है. सरकार मान रही है कि ये दवा लोगों के लिए काफी अफोर्डेबल है.
'क्यूबा में डेथ रेट कम हुई'
शॉ ने कहा है कि क्यूबा में भी इस दवा के इस्तेमाल से डेथ रेट काफी कम हुई है. हमने ट्रायल के दौरान इस दवा का इस्तेमाल मॉडरेट से लेकर गंभीर मरीजों तक पर किया है. नतीजे बेहतर निकले हैं. अगर क्यूबा इस दवा का इस्तेमाल कर अपने यहां डेथ रेट कम रखने में कामयाब हो सकता है तो हम क्यों नहीं.
'हेल्थ सेक्टर में और निवेश करना होगा'
किरण शॉ ने कहा है कि हमें हेल्थ केयर सेक्टर में और ज्यादा इन्वेस्टमेंट करना होगा. अन्य क्षेत्रों की तरह इस क्षेत्र को भी इन्सेंटिव की जरूरत है. एक समय में जिस तरह आईटी सेक्टर पर ध्यान देकर बड़ा बनाया गया है कुछ वैसा ही हेल्थ सेक्टर भी किया जा सकता है.
No comments:
Post a Comment