Covid 19

Tuesday, July 7, 2020

हमने खुद ही अपने घरों, सड़कों व चौराहों पर चीन के एजेंट तैनात किए हैं.


नई दिल्ली: चीन के ऐप्स बैन होने के बाद भी क्या भारतीयों का डेटा और उनकी पर्सनल जानकारी सुरक्षित है? साइबर एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन अपनी मंशा में अभी भी कामयाब हो रहा है. हमने खुद ही अपने घरों, सड़कों व चौराहों पर चीन के एजेंट तैनात किए हैं. जो हर वक्त हमारी तस्वीरें व अहम जानकारियों को बीजिंग तक पहुंचाते हैं.

ये एजेंट कोई और नहीं सीसीटीवी हैं. पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों, बैंकों, रेलवे, एयरपोर्ट पर लगे यह कैमरे IP ऐड्रेस के जरिये सारी तस्वीरें व डेटा चीन पहुंचा रहे हैं.

साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे का कहना है कि देश में सीसीटीवी कैमरे व इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी सिस्टम के 90 फीसद बाजारों पर चीन का कब्जा है.

चीन में बने CCTV कैमरे सालों से भारतीय बाजारों में बिक रहे हैं. जिनको चीन के हैकर आसानी से हैक कर सकते हैं और पल-पल की जानकारी जुटा सकते हैं.

हर गली, हर मोहल्ले तक पहुंच चुके चीन के एजेंट से अब भारत के लिए बचना देहद जरूरी है. मोबाइल ऐप को फोन से हटाना आसान है मगर सीसीटीवी से निजात पाना बहुत मुश्किल है.

भारत के बाजार में 80% कैमरा चीन के बने होते हैं और सबको हैक कर उनकी 24 घंटे निगरानी रखना बेहद आसान होता है. चीन के साथ मौजूदा हालातों को देखते हुए ये कहा जा रहा है कि चीन इन कैमरों को देश के खिलाफ अपना अगला हथियार बना सकता है. हाल के दिनों में आपने देखा होगा कि देश पर लगातार चीन से साइबर अटैक किया जा रहा है.

अगर हम बात करें दिल्ली के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार भागीरथ पैलेस की तो यहां चीन के कैमरों की भरमार है. क्योंकि ये सस्ते होते हैं. एक डिवाइस की कीमत 1,200 रुपये से लेकर 3,500 तक है. ये लगभग सभी चीन से आते हैं. मौजूदा स्थिति में व्यापारी चाहते हैं कि चीन से आने वाला सामान बंद हो जाए और भारतीय ब्रैंड्स को बढ़ावा मिले.

ज़ी न्यूज़ देश को इस खतरे से आगाह कर रहा है. अगर आप भी किसी तरह का कैमरा उपयोग में ले रहे हैं तो उसके सेफ्टी फीचर को एक बार फिर समझ लें. घर, ऑफिस, दुकान या फिर कहीं भी सीसीटीवी लगवाते वक्त उसके निर्माता व सप्लायर के बारे में जानकारी ले लें.

इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि सीसीटीवी खरीदते वक्त उसके निर्माता और सप्लायर के बारे में जानकारी अवश्य लें. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप पैसे देकर अपनी जासूसी का सामान खरीद रहे हैं.

दुनियाभर में चीन के CCTV पर सवाल उठ चुके हैं तो भारत को अब चीन से सतर्क रहना बेहद जरूरी है. हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने कहा है कि Hikvision और 19 अन्य फर्मों का स्वामित्व या नियंत्रण चीनी सेना के पास है.

ट्रंप प्रशासन ने सरकारी एजेंसियों पर Hikvision से खरीदारी पर रोक लगा दी है. Hikvision दुनिया की सबसे बड़ी वीडियो सर्विलांस कंपनियों में से है जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर टूल्स, दोनों का उत्पादन करती है. चीन की सेना और सरकार के साथ कथित रूप से जुड़े होने के कारण कुछ यूरोपीय देशों ने भी कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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