Wednesday, July 15, 2020

वह दो वर्ष में ही चिट्टे पर 30 लाख रुपये से अधिक बर्बाद कर चुका है


सरकार पंजाब में नशे की सप्लाई चेन तोड़ने के दावे कर रही है, जबकि चिट्टे का नशा किस कदर नौजवानों को बर्बाद कर रहा है इसका उदाहरण लुधियाना के एक नौजवान से मिलता है। वह दो वर्ष में ही चिट्टे पर 30 लाख रुपये से अधिक बर्बाद कर चुका है। नौजवान ने चिट्टे की लत में फंसकर न केवल अपनी नौकरी गवाई, बल्कि पत्नी भी साथ छोड़कर अपने मायके चली गई। चार वर्ष की बेटी से भी वह आज दूर हो चुका है। इतना ही नहीं कनाडा जाने के लिए जमा किए लाखों रुपये भी युवक ने उड़ा दिए। अब युवक को बचाने के लिए परिजनों ने उसे संगरूर के नशामुक्त केंद्र में भर्ती करवाया है।

नशामुक्ति केंद्र में इलाज करवा रहे लुधियाना के तीस वर्षीय युवक ने बताया कि उसने 2012 में बीटेक (मैकेनिकल) किया था, जिसके बाद वह निजी कंपनी में नौकरी करने लगा।

2013 में एक अस्पताल में काउंसलर के तौर पर काम करती लड़की से उसे प्यार हो गया। परिवार ने उन दोनों का विवाह करवा दिया। उसके घर बेटी हुई। पांच वर्ष तक सब कुछ ठीक रहा। उसके बाद वह बुरी संगत मे फंस गया, जहां साथियों के साथ वह स्मैक का नशा करने लगा। वह अपनी पत्नी व बच्ची के साथ कनाडा कनाडा जाना चाहता था। इसके लिए फाइल भी लगा दी थी। पत्नी के खाते में मौजूद पैसे व अपने कनाडा जाने के लिए जमा किए लाखों रुपये उसने चिट्टे के नशे में उड़ा दिए। खुद को पुलिस मुलाजिम बोल 10 दिन तक मुफ्त में लेता रहा नशा

युवक ने बताया कि लुधियाना की एक कॉलोनी में सरेआम नशा बिकता है। उस कॉलोनी से वह दस दिन तक खुद को पुलिस मुलाजिम कहकर मुफ्त में स्मैक लेता रहा। इसके बाद वह रोजाना पांच हजार रुपये का नशा (चिट्टा) खरीदने लगा। नशे में वह इस कदर डूब गया कि परिवार की खुशियां खत्म हो गई और रिश्ते टूट गए। कुछ ही दिनों में नशामुक्त हो जाएगा युवक : मोहन शर्मा

नशामुक्ति केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मोहन शर्मा ने बताया कि अभी युवक का इलाज चल रहा है। कुछ दिन और इलाज चलेगा तो वह नशामुक्त हो जाएगा। वह मजबूत इरादे से नशे से निजात पाने के लिए प्रयास कर रहा है। युवक की पत्नी व उसके परिवार से तालमेल कर रहे हैं, ताकि बिखरे हुए परिवार को एक किया जा सके।


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