Thursday, July 16, 2020

ईरान ने कहा, चाबहार रेल प्रोजेक्ट से भारत को बाहर करने की कहानी झूठी, ये है सच...

तेहरान. ईरान (Iran) ने एक भारतीय समाचार पत्र की इस रिपोर्ट का खंडन किया है कि चाबहार-ज़ाहेदान रेलवे परियोजना (Chabahar-Zahedan railway project) से भारत को बाहर कर दिया गया है. ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन के उप प्रभारी फरहाद मुंतसिर (Farhad Muntsir) ने अल जजीरा से बातचीत में कहा कि भारत को चाबहार-ज़ाहेदान रेलवे प्रोजेक्ट से बाहर किए जाने के दावे की भारतीय समाचारपत्र की कहानी पूरी तरह से झूठी थी क्योंकि ईरान ने चाबहार-ज़ाहेदान रेलवे के संबंध में भारत के साथ कोई समझौता नहीं किया है.

ईरान समाचार एजेंसी में छपी यह खबर

इस विषय पर ईरान समाचार एजेंसी ने फरहाद मुंतसिर को उद्धृत करते हुए लिखा कि ईरान ने सिर्फ चाबहार में निवेश के लिए भारत के साथ दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
पहला समझौता बंदरगाह की मशीनरी और उपकरणों से संबंधित है और दूसरा भारत के 150 मिलियन डॉलर के निवेश से संबंधित है.

अमेरिकी प्रतिबंधों को ईरान-भारत सहयोग से कोई लेना देना नहींफरहाद मुंतसिर ने कहा कि अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों का चाबहार में ईरान-भारत के सहयोग से कोई लेना-देना नहीं है. 2018 में अमेरिका ईरान स्वतंत्रता और काउंटर-प्रसार अधिनियम (Iran Freedom and Counter-Proliferation Act , 2012 ) के तहत चाबहार बंदरगाह परियोजनाओं में छूट देने के लिए सहमत हो गया था.
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने पोर्ट को ईरान के आर्थिक भविष्य की संरचना के लिए एक अहम हिस्सा बताया था. सूत्रों के अनुसार भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की रेलवे कंपनी इरकॉन इंटरनेशनल ने लगभग 1.6 बिलियन डॉलर की परियोजना के लिए सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने का फैसला लिया है. यह कंपनी इस परियोजना में लगभग 1.6 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी.

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