कड्लूर जिले में चलती सरकारी बस में उस वक्त तनाव की स्थिति बन गई जब सफर के दौरान एक व्यक्ति को अचानक अधिकारियों ने फोन कर कोरोना वायरस से संक्रमित होने की बात कहीं। हालांकि अधिकारियों को ये पता नहीं था कि वह व्यक्ति बस में सफर कर रहा था। जब बस में सवार अन्य यात्रियों को यह जानकारी हुई तो हडकंप मच गया और वे बस से उतरकर भाग गए। ये वाक्या कड्लूर जिले के वडलूर से पनरूटी के निकट कडमपूलीयूर जाने के दौरान घटी।
दरअसल, हुआ कुछ यूं कि वडलूर निवासी 57 वर्षीय व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ सरकारी बस में सफर कर रहा था। वे वडलूर से कडमपूलीयूर अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रहा था। उसी दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन्हें फोनकर बताया कि वे कोविड़-19 से संक्रमित है। यह सुनते ही उनके होश उड़ गए। अधिकारियों ने उस व्यक्ति से कहा कि वह जहां है वहीं रहें। एम्बुलेंस आकर उसे अस्पताल ले जाएगी। लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह आखिर करें तो क्या करे और उसके लोकेशन का भी पता नहीं था।
लोकेशन पता नहीं होने पर अधिकारियों ने कंडक्टर से बात कराने का आग्रह किया। उस व्क्ति ने मोबाइल कंडक्टर को दे दिया। कंडक्टर ने जैसे ही सुना कि उसके बस में सफर करने वाला यात्री कोरोना संक्रमित है, वह डर गया। वह अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाया जब उसे यह एहसास हुआ कि उसने संक्रमित व्यक्ति का मोबाइल हाथ में लेकर बात की। वह उस व्यक्ति पर चिल्लाने लगा।
फिर क्या था, बस में सवार सभी 15 यात्रियों को पता चला गया कि वह कोरोना संक्रमित है, बस से उतरकर भाग गए। अधिकारी उन सभी यात्रियों की पहचान कर उनकी तलाश कर रहे है।
अधिकारियों के अनुसार वह व्यक्ति टीबी मरीज है। उसका अप्रैल महीने से कड्लूर अस्पताल में इलाज चल रहा था। रविवार को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था, डिस्चार्ज करने से पहले उसका कोरोना टेस्ट के लिए स्वैब सैंपल लिए गए थे। उसे हिदायद दी गई थी कि वह कोरोना का रिपोर्ट आने तक खुद को आइसोलेशन में रखे लेकिन वह अपनी पत्नी के साथ बस में सफर करने लगगा। अधिकारियों ने मामबट्टू में उतरकर इंतजार करने को कहा। एम्बुलेंस से उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसे कोविड़-19 केयर वार्ड में रखा गया है।
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