सरकार ने टैक्स सेविंग स्कीम्स में निवेश की अवधि 31 जुलाई 2020 कर दी है.
मुंबई. अगर आप सालाना 5 लाख रुपये तक कमाते है तो आपको इनकम टैक्स (Income Tax) नहीं देना होगा. हालांकि, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना अनिवार्य है. अगर वित्त वर्ष 2019-20 में आपकी इनकम सालाना 5 लाख रुपये या इससे कम है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. दरअसल, करमुक्त आय (Non-taxable Income) की सीमा 5 लाख रुपये करने के लिए इनकम टैक्स की धारा-87ए के तहत रिबेट को बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया था. लेकिन, यहां ये ध्यान रखना है कि अगर आपकी आय 5 लाख रुपये की रिबेट की सीमा से ऊपर गई तो हर 100 रुपये पर आपको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
हर 100 रुपये पर ऐसे बढ़ती जाएगी आपकी टैक्स देनदारी
टैक्स विशेषज्ञ मुकेश पटेल के मुताबिक, अगर किसी करदाता की आय 5,00,000 की रिबेट सीमा के भीतर रहती है तो उसे एक पैसा भी टैक्स नहीं चुकाना होता है. वहीं, जैसे ही उसकी आय 5,00,100 रुपये होती तो उसकी टैक्स देनदारी शून्य से अचानक बढ़कर 13,021 रुपये हो जाती है. आसान शब्दों में समझें तो छूट की सीमा से 100 रुपये अतिरिक्त आय पर करदाता को सीधे-सीधे 13,021 रुपये की चपत लगती है. वहीं, अगर अतिरिक्त आय 500 रुपये है तो टैक्स देनदारी 13,104 रुपये, 1000 रुपये ज्यादा है तो 13,208 रुपये और 2000 रुपये ज्यादा आय है तो टैक्स देनदारी 13,416 रुपये हो जाती है.
फिर बढ़ा दी गई है टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश की अवधि
अब सवाल ये उठता है कि 100 से लेकर 2,000 रुपये तक की अतिरिक्त आय पर भारी-भरकम इनकम टैक्स के झंझट से निजात कैसे पाई जा सकती है. इस पर मुकेश पटेल कहते हैं कि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए टैक्स सेविंग स्कीम्स (Tax Saving Schemes) में निवेश की समयसीमा एक बार फिर बढ़ा दी है. अब कोई भी करदाता 31 जुलाई तक टैक्स सेविंग स्कीम्स में निवेश कर वित्त 2019-20 के लिए टैक्स छूट (Tax Deduction) का लाभ ले सकता है. अब मान लीजिए कि आप ज्यादातर टैक्स सेविंग स्कीम्स में थोड़ा-थोड़ा निवेश कर चुके हैं तो क्या करें?
पीएम केयर्स में दान कर बचा सकते हैं इनकम टैक्स
पटेल कहते हैं कि आप पीएम केयर्स फंड में अपनी अतिरिक्त आय के बराबर दान कर अपनी भारी-भरकम टैक्स देनदारी से निजात पा सकते हैं. आसान शब्दों में समझें तो अगर आपने पीएम केयर्स फंड में अपनी अतिरिक्त आय के 100, 500, 1000 या 2000 रुपये जमा कर दिए तो अपनी पूरी टैक्स देनदारी से बच सकते हैं. वहीं, जीएएसटी के बारे में उन्होंने बताया कि एडवांस पेमेंट पर भी जीएसटी देना होगा. पूरी पेमेंट को दो हिस्सों में बांट लें. अगर 1 लाख रुपये मिला है तो उसे 85,000 और 15,000 रुपये को अलग कर लें. इसमें 85,000 रुपये पेमेंट होगा और 15,000 रुपये जीएसटी होगा. रकम को अकाउंटिंग के समय एडजस्ट कर सकते हैं.
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